दोस्तों,आज हर कोई अपने जीवन में सफल होना चाहता है,और इसके लिए वो खूब मेहनत करता है .लेकिन इसके बावजूद भी बहुत कम लोग सफल हो पाते है.जीवन में सफलता पाने के मुख्यतः तीन मूल मंत्र है-
1.लक्ष्य का होना
लक्ष्य का होना हमारे जीवन के लिए बहुत ही जरुरी होता है क्योंकि जब भी कोई इंसान बिना किसी लक्ष्य के कोई कार्य करता है तो वह अपने कार्य में एकाग्रचित्त होकर अपनी पूरी ऊर्जा नहीं दे पाता जिससे उसके कार्य में असफल होने की सम्भावना अधिक हो जाती है.लक्ष्य ही वो कड़ी है जो हमे हमारे कार्य के प्रति हमारी एकाग्रता को बढ़ाती है और हमे अच्छे परिणाम मिलते है.इसलिए परिस्तिथियाँ चाहे जैसी भी क्यों न हो, हर एक इंसान को सबसे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए.
2.लक्ष्य के प्रति योजना
कहा जाता है की अच्छी योजनाए असंभव दिखने वाले कार्य को भी संभव बना देती है.दोस्तों जीवन में सिर्फ लक्ष्य का होना ही जरूरी नहीं होता अपितु किसी भी लक्ष्य के प्रति आपकी क्या योजना है इसपर भी निर्भर करती है.जितनी अच्छी आपकी योजना होगी ,उतने ही अच्छे परिणाम मिलने की सम्भावना होती है.अतः ये जरुरी है की लक्ष्य निर्धारण के पश्चात उसको पूरा करने के लिए एक अच्छी योजना बनानी चाहिए और उसी के अनुसार ही सफलता के लिए निरंतर प्रयत्न करते रहना चाहिए और तब तक नहीं रुकना चाहिए जब तक कि आप सफल न हो जाओ.
3.कठिन परिश्रम करना
अपने लक्ष्य में सफल होने के लिए जब एक योजना तैयार हो जाए तब बारी आती है की आप अपनी योजना के अनुरूप किनी कठिन परिश्रम कर रहे है .कहा जाता है कि कठिन परिश्रम ही सफलता की कुंजी होती है .इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को हमेशा परिश्रम करने से पीछे नहीं हटना चाहिए.दुनिया में ऐसे कई लोग हुए है जिन्होंने अपने पास कुछ न होते हुए भी ,अपनी मेहनत के बल से सबकुछ हांसिल कर लिया और ऊँचे से ऊँचे मुकाम को छुआ .अतः परिस्तिथियाँ चाहे कितनी ही बुरी क्यों न हो हमें निरन्तर विश्वास और धैर्य के साथ अपने प्रयास को जारी रखना चाहिए.
तो दोस्तों,उठो,जागो और अपने अस्तित्व को पहचानो.अपने लक्ष्य को निर्धारित करो और उसके लिए एक बेहतरीन योजना बनाओ और योजनाबद्ध तरीके से अपने कार्य की सफलता केलिए कठिन परिश्रम करो और अपने प्रयास को तब तक जरी रखो जब तक कि आप अपने लक्ष्य को हांसिल न कर लो.